संग मेरे........
थाम कर हाथ मेरा खुद को संग मेरे वनवास कर दो।
दिल की बंजर भूमि पर सावन सी बरसात कर दो।।
✍️सुरेश बुनकर बड़ीसादड़ी
हैं एक सांवली-बावली सी लड़की, जो मेरे साथ सफ़र करती है कोन हूं, कैसा हूं, मालूम नहीं, फिर भी ना कोई सवाल करती है। सोते-जागते, ...
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