Sunday, November 15, 2020

जो दिल को भाए............।


मेरे हमदम, मेरे हमसफ़र खास हो तुम।
मरुधर पानी को तरसे, वो प्यास हो तुम।
मैं कह नहीं सकता, सजाकर लफ़्ज़ों में।
जो दिल को भाए, वो अहसास हो तुम।
✍️सुरेश बुनकर बड़ीसादड़ी

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