फेसबुक/वाट्स अप (सोशल मीडिया) मेसेज व फोन काल कर ओर एक दूसरे के घर पर जाकर जिस ख़ुशी, अपनेपन व सकारात्मक ऊर्जा के साथ दीपावली पर्व की बधाईयां एवं शुभकामनाओं का आदान प्रदान होता है। यह हम सभी के आपसी प्रेम का अनुपम उदाहरण है। त्यौहारों का होना हमारे जीवनचक्र का एक अहम हिस्सा है जो हमें हमारी संस्कृति ओर धर्म के प्रति मान सम्मान बनाए रखने एवं जोड़े रखतें है जिसे हम सब एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को समर्पित करते हैं। त्यौहारों ने आपसी प्रेम और विश्वास को बनाए रखने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। क्यों कि वर्षभर हम अपने भागदौड़ भरी जिंदगी में इतने व्यस्त रहते हैं कि अपने रिश्तेदारों ओर दोस्तों के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाते हैं। मगर त्यौहारों ने उस प्रश्नों पर विराम लगाया है। जब हम इन त्योहारों को अपनों के बीच, आस पड़ोस के साथ या दोस्तों के साथ मनाते हैं तो हमारी सामाजिक ओर व्यावहारिक संरचना मजबूत होती हैं ओर आपसी प्रेम, अपनापन ओर विश्वास भी बढ़ता है। हमारे इस प्रेम और विश्वास के दीपक की बाती ऐसे ही हर पल जलती रहें। ओर हां ऐसे रिश्तों की डोर ओर दोस्तों की पकड़ कभी ढ़ीली मत होने देना उनके घर जाकर या उनके मेसेज व फोन काल का रिप्लाई अपनेपन की भावना के साथ जरूर देना। आवभगत या प्रतिउत्तर का भाव हमारे रिश्तों को एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। जो आपस में जोड़े रखने में एक पूल का काम करता है।
दीपावली पर्व की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं
✍️©️सुरेश बुनकर बड़ीसादड़ी
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