Tuesday, March 30, 2021

होली ~~ रंग-ए-इश्क़‌‌‌

होली ~ रंग-ए-इश्क़ 

बहुत दिनों बाद आज, हम फिर मुलाकात कर रहें।
एक नज़र मैंने ओर एक नज़र तुमने मिलाकर।।

देखने होली शहर की गलियों में निकल पड़े।
एक हाथ मैंने ओर एक हाथ तुमने थामकर।।

कुछ देर बैठें भी रहें, हम चाय के ठैले पर।
एक कप मैंने ओर एक कप तुमने थामकर।।

अल्फाज जो दफ़न थे, अभी तक जता दिए।
एक बात मैंने ओर एक बात तुमने बताकर।।

रात ढली गई थीं, हम भी घर की ओर चल दिए । 
एक कदम मैंने ओर एक कदम तुमने बढ़ाकर।।

प्रेम रंग में रंगकर, हमने भी मना ली होली।
एक रंग तुमने ओर एक रंग मैंने डालकर।।

✍️सुरेश बुनकर बड़ीसादड़ी

Sunday, March 28, 2021

होली आई होली आई।

*होली आई होली आई।*

होली आई होली आई, 
हम सब मिलकर होली मनाएं।
लाल पिली नीली गुलाबी,
रंग बिरंगी गुलाल लगाएं।।

भुल जाओ पुरानी बातें,
हम आपके आप हमारे।
रंग दो सबको प्रेम रंग में,
मिलकर सबको गले लगाएं।

ना नहीं ना तुम मना करना,
खुशीयों के रंगों में रंगने
कोई रह न जाए अकेला
मस्ती के रंग में सबको भिगोएं।

भुल जाओ क्या तेरा क्या मेरा
सभी है अपने ना कोई पराया।
आज न कोई तुम बेर रखना
ख़ुशी का इजहार सबको जताएं।

होली आई होली आई,
हम सब मिलकर होली मनाएं।
लाल पिली नीली गुलाबी,
रंग बिरंगी गुलाल लगाएं।।

✍️सुरेश बुनकर बड़ीसादड़ी

होली के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
https://www.instagram.com/p/CM85ZdPDCRg/?igshid=lyi4c6yb3m6f

Tuesday, March 16, 2021

उम्मीद........।


उम्मीद..........!

हां अब तो उम्मीद ही बचाकर रखीं हैं मैंने।
सिवाय इसके मैं ओर क्या रख सकता हूं।।

टूटा नहीं हूं
हारा नहीं हूं
बस कुछ बातें हैं
कुछ एहसास हैं
जो थाम रहें हैं मुझको
उनकी बातें रख लेता हूं।

थोड़ा हंस लेता हूं
थोड़ा रो लेता हूं
कभी थोड़ा खाकर
कभी भुखा सो जाता हूं
कभी कुछ नहीं मिलता
कुछ आशाएं रख लेता हूं।

मेरे भी अपने हैं
छोटे से सपने हैं
बहुत ज्यादा की बातें नहीं
ना बहुत बड़े इरादे है
बस आसमान को छूने
अपने कदम चल देता हूं।

चलो अब रूक जाता 
अब कुछ नहीं कहता 
मगर दिल से कहता 
झूठ नहीं सच कहता 
आप ने बताई है बातें
ज़हन में रख लेता हूं।

हां अब तो उम्मीद ही बचाकर रखीं हैं मैंने।
सिवाय इसके मैं ओर क्या रख सकता हूं।।

✍️सुरेश बुनकर बड़ीसादड़ी

सांवली बावली सी लड़की...........!!!!

हैं एक सांवली-बावली सी लड़की,  जो मेरे साथ सफ़र करती है  कोन हूं, कैसा हूं, मालूम नहीं, फिर भी ना कोई सवाल करती है। सोते-जागते, ...