Saturday, December 12, 2020

तन्हा सफ़र.....



ये अकेलापन और तन्हा सफ़र है।
मेरे अपनो को मेरी कहां खबर है।
खुशनुमा देखकर मुझको हाल नहीं पुछते।
असल में वो मेरी भावनाओं को नहीं पढ़ते।
मैं भी अक्सर चुप रहता हूं।
बातें होती हैं तो कहता हूं।
खामोशियां ओढ़े रखता हूं।
गमों को छिपाकर रखता हूं।
ये अकेलापन और तन्हा सफ़र है।
मेरे अपनो को मेरी कहां खबर है।

✍️सुरेश बुनकर बड़ीसादड़ी

 

Tuesday, December 8, 2020

दिल अगर बदल सकते हो..........!

जाकर किसी नीम हकीम को खबर दो।
दिल अगर बदल सकते हो तो बदल दो।
ये दिल आजकल बहुत उदास रहता है।
जी लूं अपनी खुशियों को ऐसा सफ़र दो।

✍️ सुरेश बुनकर बड़ीसादड़ी 

सांवली बावली सी लड़की...........!!!!

हैं एक सांवली-बावली सी लड़की,  जो मेरे साथ सफ़र करती है  कोन हूं, कैसा हूं, मालूम नहीं, फिर भी ना कोई सवाल करती है। सोते-जागते, ...